पशुपालन में सबसे आम समस्याओं में से एक है गाय और भैंस के थनों में सूजन और संक्रमण (मस्तिटिस)। यह समस्या दूध उत्पादन को प्रभावित करने के साथ-साथ पशु के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालती है। यदि सही समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है। इस लेख में हम इसके कारण, लक्षण और प्रभावी उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।
थनों में सूजन और संक्रमण के मुख्य कारण
गाय और भैंस के थनों में सूजन और संक्रमण कई कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- बैक्टीरियल संक्रमण – गंदे वातावरण, दूषित हाथों से दूध निकालने, या संक्रमित पशु के संपर्क में आने से।
- असुरक्षित दुग्ध प्रक्रिया – दूध निकालने के दौरान अधिक दबाव डालना या मशीनों का गलत उपयोग।
- चोट या खरोंच – थन पर चोट लगने या किसी धारदार वस्तु से कटने पर बैक्टीरिया आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।
- गलत आहार – पोषण की कमी से पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- थनों की सही सफाई न होना – गंदे या कीचड़युक्त जगह पर बैठने से बैक्टीरिया थनों में प्रवेश कर सकते हैं।
- असंतुलित दूध निकालना – एक या दो क्वार्टर से अधिक दूध निकालना और बाकी छोड़ देना, जिससे थनों में दूध जम सकता है।
थनों में संक्रमण के लक्षण
अगर आपकी गाय या भैंस को मस्तिटिस हो गया है, तो आपको निम्न लक्षण दिखाई देंगे:
✅ थनों में सूजन और लालिमा
✅ दूध में गांठ या फटा हुआ पदार्थ
✅ दूध में बदबू या पीला-हरा रंग
✅ दूध निकालते समय दर्द और असहजता
✅ बुखार और सुस्ती
✅ पशु का ठीक से खाना न खाना
अगर ये लक्षण दिखें, तो तुरंत उचित उपचार शुरू करें।
थनों की सूजन और संक्रमण का सही इलाज
संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए कुछ प्रभावी उपाय अपनाने जरूरी हैं:
🔹 साफ-सफाई का ध्यान दें – थनों को प्रतिदिन गर्म पानी से धोकर साफ कपड़े से पोंछें।
🔹 दूध निकालने की सही तकनीक अपनाएं – हल्के हाथों से दूध निकालें और सुनिश्चित करें कि सभी क्वार्टर से दूध पूरी तरह निकले।
🔹 एंटीबायोटिक थेरेपी – पशु चिकित्सक से सलाह लेकर उचित एंटीबायोटिक्स का प्रयोग करें।
🔹 बैक्टीरियल संक्रमण के लिए Vitto-H का उपयोग करें – इसमें मौजूद पोषक तत्व पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे संक्रमण जल्दी ठीक होता है।
🔹 पशु को संतुलित आहार दें – विटामिन, मिनरल और कैल्शियम युक्त आहार पशु के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
🔹 गर्म सिंकाई करें – थनों की सूजन को कम करने के लिए हल्के गर्म पानी की पट्टी लगाएं।
थनों की समस्याओं से बचाव के लिए ज़रूरी उपाय
✔ दूध निकालने से पहले और बाद में थनों की सफाई करें।
✔ पशु को सूखी और साफ जगह पर रखें।
✔ दूध निकालने वाले बर्तनों और हाथों की सफाई करें।
✔ पशु को समय-समय पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले सप्लीमेंट जैसे Vitto-H दें।
निष्कर्ष
गाय और भैंस के थनों में सूजन और संक्रमण (मस्तिटिस) एक गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सही देखभाल, संतुलित आहार और आवश्यक पोषक तत्वों के सेवन से इस समस्या से बचा जा सकता है। यदि आपके पशु को बार-बार यह समस्या हो रही है, तो Vitto-H का नियमित उपयोग करें, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और वे स्वस्थ रहें।
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