दुग्ध उत्पादन करने वाले पशुओं के लिए दुग्ध ग्रंथियों का स्वस्थ और मजबूत रहना अत्यंत आवश्यक है। यदि इन ग्रंथियों की कोशिकाएं कमजोर हो जाएं, तो दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों पर बुरा असर पड़ता है। विट्टो-एच एक ऐसा सप्लीमेंट है जो दुग्ध ग्रंथियों को स्वस्थ रखता है और दूध उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है।
विट्टो-एच क्या है?
विट्टो-एच एक उन्नत पशु पोषण सप्लीमेंट है, जिसमें विटामिन ए, डी3, ई, बायोटिन, सेलेनियम और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह विशेष रूप से उन तत्वों से भरपूर है जो दुग्ध ग्रंथियों की कोशिकाओं को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं।
विट्टो-एच के लाभ दुग्ध ग्रंथियों के लिए
1. दूध उत्पादन में वृद्धि करता है
विट्टो-एच दुग्ध कोशिकाओं को पोषण देता है, जिससे वे अधिक दूध का उत्पादन कर पाती हैं। यह पशुओं में थन स्वास्थ्य को सुधारने में भी सहायक है।
2. दुग्ध ग्रंथियों की सूजन कम करता है
कई बार दुग्ध ग्रंथियों में सूजन (मास्टाइटिस) की समस्या हो जाती है, जिससे दूध उत्पादन कम हो जाता है। विट्टो-एच में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व इस समस्या से बचाने में मदद करते हैं।
3. थन की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है
विट्टो-एच दुग्ध ग्रंथियों की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में सहायक होता है, जिससे दूध निकालने की प्रक्रिया बेहतर होती है और पशु स्वस्थ रहता है।
4. संक्रमण से बचाव करता है
दुग्ध ग्रंथियों में संक्रमण एक आम समस्या है। विट्टो-एच में मौजूद सेलेनियम और विटामिन ई पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर उन्हें संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं।
5. थन में दरारों को रोकता है
विट्टो-एच का उपयोग करने से थन की त्वचा को पोषण मिलता है, जिससे उसमें दरारें नहीं पड़ती और दूध निकालने की प्रक्रिया सुचारू रूप से होती है।
उपयोग की विधि
पशुओं को 10 मिलीलीटर प्रतिदिन विट्टो-एच देना फायदेमंद रहता है। इसे दूध देने वाले पशुओं को गर्भावस्था के दौरान भी दिया जा सकता है ताकि दुग्ध ग्रंथियां स्वस्थ बनी रहें।
निष्कर्ष
विट्टो-एच एक अत्याधुनिक पोषण सप्लीमेंट है जो दुग्ध ग्रंथियों को मजबूत बनाकर दूध उत्पादन बढ़ाने में सहायक है। यह सूजन, संक्रमण और थन की समस्याओं को रोकने में भी मदद करता है। यदि आप अपने पशुओं की दुग्ध ग्रंथियों को स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं, तो विट्टो-एच एक बेहतरीन समाधान है।